#फर्जी दस्तावेजों के साथ भर्ती होने की कोशिश
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7 Tips For Successful Interview
फेस-टू-फेस इंटरव्यू नौकरी की भर्ती प्रक्रिया में अंतिम और सबसे जरूरी कदम है। यह आपका पहला इम्प्रैशन है। इसे पार करने के लिए, हमें कुछ इंटरव्यू स्किल्स सीखने होंगे जो हमें न केवल एक सफल इंटरव्यू देने में मदद करेंगे बल्कि बाकी एप्लिकेंट से अलग होंगे और हमें एक बढ़त देंगे। आप अपना सर्वश्रेष्ठ इंटरव्यू कैसे देंगे?
इंटरव्यू में आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
इंटरव्यू में जाने से पहले, अपने सभी महत्वपूर्ण दस्तावेजों / documents (या उनकी copy) जैसे अपने स्कूल या कॉलेज की मार्कशीट, वोटिंग कार्ड, आधार कार्ड, आदि की एक फ़ाइल ��नाएं। यदि आप एक ड्राइवर हैं, तो अपना लाइसेंस ले लें। यदि आपने कोई प्रशिक्षण किया है, तो प्रमाण पत्र ले जाएं। यदि आपके पास कोई पिछला अनुभव है, तो employers का नाम, पता और फोन नंबर भी ले लें।
एक रिज्यूमे/ बायोडाटा बनाएं जिसमें आपकी सभी व्यक्तिगत जानकारी जैसे नाम, पता, फोन नंबर, शिक्षा, अनुभव आदि शामिल हों और इसे अपने पास रखें।
अपना रिज्यूमे बनाने के लिए यहां क्लिक करें.
कपडे फॉर्मल और जगह के अनुसार पहनिए। बहुत ज्यादा कैजुअल होने से बचें।
"नौकरी पर जाते हुए तैयार होने के टिप्स" इस पर हमारा विस्तृत वीडियो देखें.
समय पर इंटरव्यू तक पहुंचें। उसके लिए, आपको यह पता लगाने की आवश्यकता है कि साक्षात्कार के स्थान तक पहले से कैसे पहुंचें और इसमें कितना समय लगेगा। आप अपने नियोक्ता से दिशा-निर्देश मांग सकते हैं और ��न्हें पता भेजने के लिए भी कह सकते हैं। देर से पहुँचना सबसे बड़ी गलतियों में से एक है। यह गैरजिम्मेदारी दिखाता है। समय से 15-30 मिनट पहले पहुंचने की कोशिश करें। देर होने की तुलना में इंतजार करना बेहतर है|
जैसे ही आप इंटरव्यू लेने वालों से मिलते हैं, उन्हें गुड मॉर्निंग या गुड इवनिंग करें, अपना नाम बताएं और उन्हें अपनी फाइल दें। बैठने से पहले पूछें।
अपने इंटरव्यू लेने वालों से सभी महत्वपूर्ण सवाल पूछें जैसे कि आपकी जिम्मेदारियां, समय, पत्ते, वेतन, आदि क्या होंगे।
सबसे महत्वपूर्ण कौशल ईमानदारी है। अपने सभी उत्तरों के साथ सच्चा बनें। यदि आपको काम पसंद नहीं है, तो आपको इंटरव्यू में ही कहना चाहिए। फर्जी वादे न करें।
"ईमानदारी" पर हमारा विस्तृत वीडियो देखने के लिए यहां क्लिक करें
अपने इंटरव्यू लेने वालों को इंटरव्यू छोड़ते समय, हमेशा "थैंक यू" कहें। यह आपकी ज़िम्मेदारी है कि आप उस व्यक्ति को भी धन्यवाद दें जिसने आपको नौकरी के बारे में बताया है और उसे बताएं कि इंटरव्यू कैसा था|
इंटरव्यू कौशल पर हमारा विस्तृत वीडियो देखें.
यदि आप इन बातों का ध्यान रखते हैं और ईमानदारी के साथ अपना इंटरव्यू देते हैं, तो आप निश्चित रूप से अपनी इच्छित नौकरी प्राप्त करेंगे। शुभकामनाएं!
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*सरकारी नौकरी पाने की जद्दोजहद:पैरामेडिकल कॉउन्सिल में नौकरी पाने के लिए जाली दस्तावेज बना रहा गिरोह देश का दर्पण न्यूज जयपुर राजस्थान पैरामेडिकल काउंसिल का गठन राजस्थान पैरामेडिकल कॉउंसिल एक्ट 2008 के तहत हुआ और दिसंबर 2014 में इसे लागू किया गया। राजस्थान पैरामेडिकल काउंसिल में सभी पैरामेडिकोज के पैरामेडिकल कोर्सों का पंजीयन किया जाता है। यह पंजीयन की प्रक्रिया राजस्थान पैरामेडिकल काउंसिल रूल 2015 के तहत की जाती है जिसमे इस रूल कि धारा 42 की सेक्शन 1 के अनुसार उन सभी पैरामेडिकल कोर्स का पंजीयन किया जाएगा जिनका काउंसिल के गठन से पूर्व राज्य सरकार ने इनको पैरामेडिकल कोर्स चलाने की सरकारी या प्राइवेट सेक्टर में अनुमति प्रदान की हो। धारा 42 की सेक्शन 2 के अनुसार उनका पंजीकरण किया जाएगा जिन कॉलेजों को राज्य सरकार ने अनुमति प्रदान की हो। सेक्शन 3 के अनुसार उन सभी पैरामेडिकल कोर्स का पंजीकरण किया जाएगा जो राज्य के बाहर से किए हो और वहां की पैरामेडिकल काउंसिल ने उनका रजिस्ट्रेशन किया हो। वर्तमान में जो प्रकरण राज्य से बाहर के डिप्लोमा का चल रहा है वह पैरामेडिकल काउंसिल की धारा 3 के अंतर्गत संबंध रखता है। जिन विद्यार्थियों ने राज्य से बाहर जो डिप्लोमा अर्जित किया है उसका रजिस्ट्रेशन के लिए यहां आवेदन किया जाता है जब यहां आवेदन किया जाता है तो संबंधित दस्तावेजों को वहां की पैरामेडिकल काउंसिल में उनके रजिस्ट्रेशन और उनकी एनओसी को वेरि��िकेशन के लिए भेजा जाता है अगर वहां से वेरिफिकेशन सही पाया जाता है तो संबंधित अभ्यर्थी का पंजीयन कर दिया जाता है अगर वेरिफिकेशन सही नहीं पाया जाता है तो उसका रजिस्ट्रेशन नहीं किया जाता है। हाल ही में राजस्थान में चल रही भर्ती प्रक्रिया को मद्देनजर रखते हुए कुछ गिरोह ने मध्य प्रदेश झारखंड व कुछ अन्य राज्यों से इस तरीके के जाली रजिस्ट्रेशन और एनओसी वहां की काउंसिल से मोटी रकम वसूल कर बनाकर कुछ अभ्यर्थियों को ठगा और उन्होंने यहां आवेदन पंजीयन के लिए किया। यहां की काउंसिल ने उनके रजिस्ट्रेशन करने की प्रक्रिया के तहत जब कागज भिजवाए तो वहां उनका कोई रिकॉर्ड नहीं मिला और यह अवगत कराया गया एनओसी और रजिस्ट्रेशन फर्जी हैं। इस पर राजस्थान पैरामेडिकल काउंसिल रजिस्टर द्वारा शिकायत ज्योति नगर थाने में कराई गई जिस पर कार्यवाही लंबित प्रक्रियाधीन है। इस संपूर्ण प्रकरण में यह देखने को मिला कि किस प्रकार भोले भाले लोगों को फंसाया जाता है। वर्तमान में राजस्थान पैरामेडिकल काउंसिल के सदस्य राजेश कुमार नागर ने बताया कि उनको राजस्थान के कई अभ्यर्थियों ने ऐसे फर्जीवाड़े की आशंका से अवगत कराया तो राजेश कुमार नागर ने जिम्मेदारी पूर्वक उक्त पूरे प्रकरण की जानकारी कॉउंसिल के अधिकारी रजिस्टार को अवगत कराई और फिर चालू हुआ इस पर कार्य होना। रजिस्ट्रार ने ऐसे सभी फार्म की गहनता से जांच करना सुनिश्चित किया। प्रथम तौर पर कुछ लोगों के कागज वेरिफिकेशन के लिए भेजें तो उन्हें पाया गया फर्जीवाड़ा इसके बाद भर्ती प्रक्रिया को देखते हुए लगभग 550 आवेदनों को जांचने के लिए रणनीति बनाई गई। जिनकी बारीकी से जांच की जा रही है और उनके बारे में चिट्टियां संबंधित काउंसिल को भेजी जा रही है। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि इन सभी आवेदनों में लगभग अधिकतम आवेदन इस तरीके के फर्जी हो सकते हैं इस प्रकार रुका रजिस्ट्रेशन फर्जी लोगों का होने से और राजस्थान के अभ्यर्थियों के हितों की रक्षा हो सके। इस पूरे प्रकरण पर काउंसिल के सदस्य राजेश कुमार नागर से जब बात हुई तो उन्होंने बताया कि इन सभी लोगों का रजिस्ट्रेशन होने से रोक लिया गया है इनकी बारीकी से जांच करवाई जाएगी और अगर फर्जीवाड़ा पाया गया तो इनका रजिस्ट्रेशन नहीं किया जाएगा व साथ ही इनके खिलाफ और ऐसे गिरोह के खिलाफ राज्य सरकार से सख्त से सख्त कार्यवाही कराने के लिए हमारी पूरी कोशिश रहेगी। राजस्थान सरकार सतर्क है यहां किसी प्रकार का डिग्री फर्जीवाड़ा होना संभव नहीं है यहां छात्रों के हितों को हमेशा सर्वोपरि रखा जाएगा ।
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